Syed Salar Masood Ghazi history of Bahraich
हजरत सैयद सालार मसूद गाजी की कहानीबहुत समय पहले, 11वीं सदी में, एक नन्हा सितारा इस धरती पर चमका, जिसका नाम था सैयद सालार मसूद गाजी। उनका जन्म अफगानिस्तान के एक सम्मानित परिवार में हुआ था, और वो अपने चाचा, महमूद गजनवी के भतीजे थे। बचपन से ही उनके दिल में अल्लाह की मोहब्बत और इंसानियत की सेवा का जज्बा भरा हुआ था। लोग उन्हें प्यार से "गाजी" कहते थे, यानी वह योद्धा जो सच और हक के लिए लड़ा।जब सालार मसूद बड़े हुए, तो उन्होंने सुना कि हिंदुस्तान की धरती पर लोग एक-दूसरे से दूर हो रहे हैं, और वहाँ मोहब्बत और भाईचारे की जरूरत है। अपने छोटे से काफिले के साथ, वो हिंदुस्तान की ओर निकल पड़े। रास्ते में उन्होंने नदियाँ पार कीं, जंगल देखे, और हर कदम पर लोगों को प्यार और शांति का पैगाम दिया। उनकी आँखों में एक चमक थी, और चेहरे पर ऐसी मुस्कान जो हर दिल को छू लेती थी।आखिरकार, वो उत्तर प्रदेश के बहराइच पहुँचे। वहाँ उन्होंने एक खूबसूरत जगह चुनी, जहाँ चारों तरफ हरियाली थी और हवा में शांति की खुशबू। यहाँ उन्होंने लोगों को इकट्ठा किया और कहा, "हम सब एक हैं, चाहे हमारा रंग-रूप अलग हो, हमारा दिल एक ही ईश्वर की राह पर चलता है।" उनकी बातें सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए।कहते हैं कि एक दिन, जब वो अपने दोस्तों के साथ बैठे थे, एक गरीब माँ उनके पास आई। उसके बच्चे को भूख लगी थी, और उसके पास कुछ भी नहीं था। सालार मसूद ने अपनी जेब से एक रोटी निकाली, जो उनके पास बची थी, और उसे उस माँ को दे दी। उस माँ की आँखों में आँसू आ गए, और उसने कहा, "आपके जैसा नेक इंसान मैंने कभी नहीं देखा।" उस दिन से, लोग उन्हें "दिलों का मालिक" कहने लगे।हालांकि, उनकी जिंदगी लंबी नहीं थी। 1032 में, मात्र 19 साल की उम्र में, वो एक जंग में शहीद हो गए। लेकिन उनकी याद आज भी बहराइच की दरगाह शरीफ में जिंदा है। हर साल, वहाँ लोग दूर-दूर से आते हैं, चादर चढ़ाते हैं, और उनकी नेकी की कहानियाँ सुनाते हैं। कहते हैं कि जो भी सच्चे दिल से वहाँ दुआ माँगता है, उसकी मुराद पूरी होती है।सैयद सालार मसूद गाजी आज भी एक मिसाल हैं—प्यार, हिम्मत, और इंसानियत की मिसाल। उनकी दरगाह पर जब हवा चलती है, तो लगता है जैसे वो कह रहे हों, "मोहब्बत बाँटो, दुनिया को खूबसूरत बनाओ।"
लेकिन लोग पत्रकार हसनैन शाह श्रावस्ती के नाम से जानते हैं
नाम हसनैन शाह
जन्म स्थान उत्तर प्रदेश श्रावस्ती
डेट ऑफ़ बर्थ । मार्च 2002
पिता लाल मोहम्मद
माता फातिमा
दोस्तों मैं 2021 में न्यूज चैनलों में काम किया है
मेरा ख़ुद का चैनल । न्यूज फाइल 18 और sbb 24 news है
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Web jhasnain.com पर
मेरी शिक्षा कपिलवस्तु विश्वविद्यालय सिद्धार्थनगर से हुई है
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